मुख्यमंत्री धामी दरों में वृद्धि के लिए लंबे समय थे प्रयासरत, गृह मंत्रालय ने बढ़ाई एसडीआरएफ की रिकवरी व पुनर्निर्माण की दरें

केंद्र के इन बड़े फैसले से लाभनवित्त होगा उत्तराखंड पढ़े पूरी खबर
होम मिनिस्ट्री ने एसोसिएट इंजीनियर्स की रेजिडेंट्स और रियल एस्टेट कंपनियों के पुनर्निर्माण की तैयारी की, पूरी खबर सिर्फ यही…….
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मुख्यमंत्री धामी दीक्षांत समारोह में वृद्धि के लिए लंबे समय से प्रयास किए गए थे, गृह मंत्रालय ने स्नातक स्तर की पढ़ाई और पुनर्निर्माण का पुनर्गठन किया था
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पहाड़ में घर की पूरी क्षति पर मिले ₹2 लाख, मुख्यमंत्री की कोशिश रंग लाई, मोदी और राक्षस को धामी ने कहा धन्यवाद
धामी सरकार का प्रयास लाया गया रंग:
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इंजीनियर्स की आवासीय और पुनर्निर्माण की स्थापित वास्तुशिल्प सुविधाओं को बढ़ाया गया है
जाने किस आपदा से प्रभावित उत्तराखंड को सबसे ज्यादा फायदा होगा, धामी जी का धन्यवाद
इस महत्वपूर्ण फैसले के बाद धामी नवाज़ ने प्रधानमंत्री व मठाधीश का मज़ाक उड़ाया
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इंजीनियर्स के क्वार्टर और पुनर्निर्माण के लिए निर्धारित वास्तुशिल्प को बढ़ाया गया है। इस आपदा से प्रभावित उत्तराखंड को सबसे ज्यादा फायदा होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से इस समूह के लिए लंबे समय से पैरवी की जा रही थी। गृह केंद्रीय मंत्री के साथ इस संबंध में लगातार पत्र में मुख्यमंत्री ही धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय अमित शाह से भी व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात कर गठबंधन और पुनर्निर्माण की इन सीटों पर दोस्ती बढ़ाने का वादा किया था।
बता दें कि इससे पूर्व असंगठित भवनों की पागलों की हवेली और पुनर्निर्माण के मानक तय नहीं थे। साथ ही लेखक भी काफी कम था। इस प्रकार की याचिका में कम से कम क्षतिग्रस्त परिसम्पट्टियों के कार्य में भारी स्टॉक का सामना करना पड़ रहा था। मुख्यमंत्री पुश्ते मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के परमाणु ऊर्जा संयंत्र का हवाला देते हुए इस मामले में विचार करने की पेशकश की थी।
गृह मंत्रालय ने इस चयनकर्ता मामले को 14 अगस्त को पुराने आवासीय छात्रावास और पुनर्निर्माण के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इस आपदा से प्रभावित उत्तराखंड को सबसे अधिक लाभ होगा। आपदा में क्षतिग्रस्त परीसम्पटियों के कार्य में सुविधा होगी और जन सामान्य को होने वाली सुविधा को दूर किया जा सकेगा।
*धामी नवाज़ुद्दीन ने प्रधान मंत्री और विपक्ष का दामाद बनाया*
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह का गठबंधन करने के लिए उत्तराखंड के आर्किटेक्ट का स्वागत किया गया है। शनिवार को हुई एनैकेट की बैठक में इस मामले में मुख्यमंत्री युवराज सिंह धामी की ओर से प्रभावशाली पैरवी के लिए उनका भी आभार व्यक्त किया गया। कहा गया कि संशोधन का सबसे बड़ा फायदा उत्तराखंड को मिलेगा।
*पहाड़ में घर की पूरी क्षति पर मिलेंगे ₹2 लाख*
पूर्वी मैदानी क्षेत्र में पक्के घरों के लिए निर्धारित मानक ₹01.20 लाख प्रति घर पर अब 30 से 70 प्रतिशत क्षति होने की स्थिति में ₹90 हजार प्रति घर तथा 70 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर ₹1.80 लाख कर दिया गया है तथा पहाड़ी क्षेत्र में पूर्व निर्धारित मानक ₹01.30 लाख प्रति घर पर अब 30 से 70 प्रतिशत क्षति होने की स्थिति में ₹01 लाख प्रति घर तथा 70 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर ₹02 लाख प्रति घर हुआ है।
*प्राइमरी स्कूल भवन के लिए मिलेंगे ₹15 लाख*
प्राथमिक शिक्षकों के लिए पूर्व में निर्धारित मानक प्रति विद्यालय ₹02 लाख की सीमा के अध्यधीन रहते हुए वास्तविक व्यय के अनुसार परिवर्तन किया गया अब प्राथमिक शिक्षकों के लिए 30 से 70 प्रतिशत की क्षति होने पर ₹07.50 लाख और 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति होती है ₹15 लाख का अग्रिम भुगतान किया गया है।
उच्च/वृद्ध उच्च माध्यमिक महाविद्यालयों के नाम से पूर्व में मानक निर्धारित नहीं थे, अब उच्च/उच्च माध्यमिक महाविद्यालयों के 30 से 70 प्रतिशत क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में ₹12.50 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹25 लाख का नुकसान हुआ है ।।
*सामुदायिक स्वास्थ्य विभाग की भी पेशकश*
प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए पूर्व में ₹02.50 लाख प्रति इकाई की अधिकतम सीमा अध्ययन के अनुसार वास्तविक व्यय का अनुमान था, अब लगभग उपकेन्द्र क्षेत्र के लिए 30 से 70 प्रतिशत की क्षति तक ₹09.20 लाख तथा 70 से अधिक प्रतिशत की ₹18.40 लाख की क्षति का भुगतान किया गया। पर्वतीय क्षेत्र के लिए यह राशि कमाश: ₹07.91 लाख तथा ₹15.81 लाख स्वीकृत की गई है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए मैदानी क्षेत्र में 70 प्रतिशत की क्षति तक ₹20.99 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹41.97 लाख का अनुमान है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 70 प्रतिशत की क्षति तक ₹24. 72 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक ₹49.45 लाख वार्षिक है।
क्लिनिकल हेल्थ सेंटर के मैदानी क्षेत्र में 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति ₹79.06 लाख तक तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹158.12i लाख। स्वास्थ्य केंद्र पर्वतीय क्षेत्र में 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति तक ₹92.86 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर रु0 185.72 लाख।
*पुल की क्षति पर गांव 35 करोड़*
कुल प्रतिसंख्या में 70 प्रतिशत की क्षति ₹1750 लाख तक तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹3500 लाख का अनुमान लगाया गया है।
*अन्य क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों के लिए निर्धारित आर्किटेक्चर एक नज़र में*
-तत्संबंधी प्रतिवर्ग– 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹50.00 लाख और 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹ 01 करोड़ प्रतिवर्ग।
-प्रमुख सड़कों के लिए मैदानी क्षेत्र में 70 प्रतिशत की सीमा ₹32 लाख प्रतिवर्ग और 70 प्रतिशत से अधिक की सीमा ₹64 लाख प्रतिवर्ग है। इसी प्रकार पहाड़ी क्षेत्रों में 70 प्रतिशत की सीमा तक ₹93.75 लाख और 70 प्रतिशत से अधिक होता है ₹187.75 लाख प्रतिकि.मी. तक।
- -अन्य जिलों के लिए भी मैदानी क्षेत्र में 70 प्रतिशत की सीमा तक ₹26.75 लाख प्रति वर्ग तथा 70 प्रतिशत से अधिक होने पर ₹54.50 लाख। इसी प्रकार पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 70 प्रतिशत की सीमा ₹80 लाख तक तथा 70 प्रतिशत से अधिक होने पर ₹159.88 लाख
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